ज़िन्दगी में कुछ लोग आते ही क्यों हैं? मेरी कलम से AnuWrites
ज़िन्दगी में कुछ लोग आते ही क्यों हैं? मेरी कलम से - @AnuWrites
सोचता हूँ कि जो लोग ज़िन्दगी में जाने के लिए आते हैं अगर वो आने से पहले बता के आते तो कितना अच्छा होता। बता देते कि हाँ मैं तुम्हारे पास आ रहा हूँ, तुम्हें प्यार भी करूँगा मगर तुम ज़्यादा दिल मत लगाना क्योंकि मैं चला जाऊँगा। बता देते कि हाँ मैं तुम्हें बदल रहा हूँ मगर उस बदलाव में तुम कहीं ग़ुम ना हो जाना क्योंकि तुम्हें बदलकर मैं ख़ुद भी बदल जाऊँगा ।
कितनी अजीब बात है कि लोग किसी के जीवन में उथल-पुथल मचा कर फिर ऐसे चले जाते हैं जैसे उन्होंने वहाँ कदम भी ना रखा हो । सुनने में ये इश्क़ के ग़म कुछ ज्यादा बड़े नहीं लगते हैं मगर ये ग़म इंसान को अन्दर ही अन्दर कितना खोखला कर देता है ये सिर्फ वही समझ सकते हैं जो ये ग़म झेल रहे हैं।
जैसे लोग जुकाम हो जाने पर किसी को ये नहीं कह पाते हैं कि वो जुकाम के कारण कितना परेशान हैं क्योंकि जुकाम कोई बड़ी बीमारी नहीं होती, वैसे ही लोग सिर्फ कहकर नहीं बता सकते कि उन्हें इस इश्क़ ने कितना सता रखा है। Breakup बहुत आम शब्द हो चुका है मगर ये Breakup रोज़-रोज़ हमें कितना break कर देता है, ये बता पाना मुमक़िन नहीं है। जाने वाले ये कभी नहीं जान पाते हैं कि उनके जाने के साथ-साथ ना जाने क्या-क्या चला जाता है।
मगर जाने वाले अगर आने से पहले बता के आते कि उन्हें जाना है तो शायद उनके जाने के साथ-साथ हम अपने आप को भी नहीं जाने देते।।
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