4 ansuni kahaniya | अनसुनी कहानी जिसपर आप विस्वास नहीं करेगे
सदियों से कई लोग शहरों की कहानियां दंतकथा के रूप में सुनाई जा रही हैं इनमें से कई शहर इतने अद्भुत हैंकी संभवही नहीं लगता पर कई लोग ऐसे हैं जो कई पक्षियों की वजह से मानते हैं यह लोग शहर मौजूद थे या आज भी मौजूद है या फिर उनके अवशेष कहीं ना कहीं जरूर मौजूद होंगे पहले जब विज्ञान इतना शक्ति साली नहीं था तब इन किस्से कहानियों पर विश्वास कर लेना आसान होता था पर आज जब वैज्ञानिकता विकसित है और हम आधुनिक स्काइप के जरिए धरती का कोना-कोना देख सकते हैं तो यह सब लोग शहर एक मिथक लगते हैं जो कि इनका नामोनिशान हमें कहीं नहीं दिखाई देता लेकिन इतने आधुनिक तकनीक के बाद भी हम धरती के अंदर रेगिस्तान के नीचे और घने जंगलों को पूरी तरह नहीं देख पाए हैं तो संभावना है ऐसे कई लोग मौजूद हो सकते हैं दोस्तों आज मैं आपको ऐसे ही पात्रों के बारे में बताऊंगा जिनके बारे में दुनिया में कई सदियों से चली आ रही है
नंबर 1 पर है एल्डोराडो
अफगानिस्तान दक्षिण अमेरिका का उपनिवेशीकरण शुरू किया तब उन्होंने स्थानीय लोगों से एक दक्षिण अमेरिका के अज्ञात अंदरूनी जगह पर स्थित है कहा जाता है कि यह शहर पूरी तरह सोने का बना था इसकी इमारतें इसकी सड़कें इसकी गलियां और इसके मंदिर सब सोने के बने थे और इस के राजा थे पुजारी जिसका पूरा शरीर सोने की धूल से ढका रहता था और इस शहर का नाम एल्डोराडो था एल्डोराडो खोज करता हूं नीतू ने किस शहर को ढूंढने की कोशिश की है और वे सब विफल रहे हैं कई लोग इस शहर को काल्पनिक मानते हैं एल्डोराडो का मतलब घर नहीं है बल्कि इसका मतलब है ना गिल्डेड मैन विज्ञान की सोने का पानी चढ़ा इंसान वह तालाब में डुबकी लगाकर सोने को तालाब में डालकर अपने देवताओं को समर्पित करते थे आज भी कई लोग इस शहर को असली मानते हैं और मानते हैं कि अमेरिका के घने जंगलों में छिपा हुआ है और आज भी ढूंढने की कोशिश जारी है
नंबर दो पर है संभाला
संभाला एक पौराणिक शहर है और माना जाता है कि यह हिमालय में कहीं स्थित है इस शहर का जिक्र कई प्राचीन ग्रंथ जैसा कि कालचक्र तंत्र और तिब्बत के प्राचीन लेख जंग जंग में आता है इस शहर की बाते हजारों साल से चली आ रही है और माना जाता है कि यह शहर आज भी मौजूद है यह कहा जाता है कि सिर्फ यहां रह सकते है और जिसका मन और आत्मा से पवित्र है कहां जाता है यहां रहने वाले लोग कभी बीमार नहीं पड़ते और वे कभी बूढ़े नहीं होते या हमेशा शांति और बुद्धिमता का राज होता है अपने इस आध्यात्मिक महत्व की वजह से कई लोग जो आध्यात्मिक लक्ष्य प्राप्त करना चाहते थे उन्होंने इस शहर की तलाश की है और कई लोगों ने दावा किया है कि वह इस शहर में गए हैं पर कोई भी सबूत नहीं दे पाया है मानना है कि शहर के अंदर जाने का रास्ता पुराने हिमालय में से कही है है वहीं कुछ लोगों का मानना है कि एक पल में स्थित है जिसकी वजह से लोगों को दिखाई नहीं देता शहर के बारे में कहा जाता है कि शहर के बीचोंबीच एक महल मौजूद है जो हीरो की तरह चमकता रहता है इस विषय को अन्याय और पाप से मुक्ति दिलाने बाहर आएंगे वही हिंदू धर्म में विष्णु पुराण में कहा गया है भगवान विष्णु का दसवां और आखरी अवतार कल्कि अवतार इसी संभाला शहर में होगा जहां से यह दोबारा सतयुग की स्थापना करेंगे
नंबर तीन पर है अगरथा
दंत कथाओं के मुताबिक अगरथा कि शहर है जो धरती के अंदर मौजूद है माना जाता है यह धरती के बीचोंबीच स्थित है और धरती के चारों के नारों से सुरंग से जुड़ा हुआ है इस शहर के मानने वाले इस धर्म को मानते हैं कि धरती अंदर से खोखले है इस शहर का जिक्र सबसे पहले यूरोप के एक महान दार्शनिक प्लेटो ने किया था उन्होंने बताया था कि सुरंग से होकर धरती के अंदर एक रास्ता शहर की ओर जाता है जहां के लोग बहुत ही विनम्र और शांतिप्रिय हैं 30 किलो miter धरती के नीचे जा बसे थे कई लोग कल्पना मानते हैं तो कई ग्रुप संगठन यह मानते हैं
अटलांटिस
अटलांटिस अब तक का सबसे लोकप्रिय मिथक शहर है इसके ऊपर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं और कई चलचित्र भी बन चुके हैं अटलांटिस का जिक्र सबसे पहले यूरोप के महान दार्शनिक प्लेटो की किताब टाइमिंग और प्रीटीएस्ट में हुआ था उनके मुताबिक यह शहर आज से 11000 साल पहले अटलांटिक महासागर के द्वीप पर बैठा था यार बहुत ही अत्याधुनिक तकनीकों से लैस था उसकी सबसे बड़ी नफरत था कहा जाता है इसके राज्य का विस्तार और प्रभाव अफ्रीका एशिया यूरोप और अमेरिका तथा माना जाता है या पूरा शहर एक रात और 1 दिन में डूब गया जहां लोग मानते हैं कि मौजूद था इसके अवशेष आज भी मौजूद होंगे
क्योंकि लोगों का मानना है कि या शहर ऑनलाइन के पश्चिमी तट पर एक द्वीप पर स्थित है जो हर 7 साल में एक बार दिखाई देता है कोई भी आज तक इसवी तक नहीं पहुंच सका है यदि 325 से 18 साल तक कई प्राचीन ग्रंथों में दिखाया गया है इस दीपक पहली बार जाने की कोशिश 1480 में जॉन जय जूनियर ने किया था ब्रिस्टल इंग्लैंड से रवाना हुए प्रमुख कभी भी उस पर नहीं पहुंच पाए और न खाली हाथ वापस आना पड़ा
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