Apple kampani ne kiya dokadhadi | एप्पल कमपनी जानबुजकर कम कर रही है parformance
Apple kampani ne kiya dokadhadi | एप्पल कमपनी जानबुजकर कम कर रही है parformance \||
अब हमारी अगली खबर भारत के उन 50 करोड़ लोगों के बारे में है जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि हो सकता है आप जिस कंपनी का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं वह कंपनी जानबूझकर आपके मोबाइल फोन की परफॉर्मेंस को शुरू हुई या नहीं धीमा कर रही हूं क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करेगी तो आप नया फोन क्यों खरीदेंगे दुनिया के एक मशहूर मोबाइल फोन ब्रांड आईफोन का निर्माण करने वाली कंपनी एप्पल पर लगा है हालांकि इस बात का खुलासा वर्ष 2017 में हुआ था जब मोबाइल फोन के प्रोसेसर स्पीड मापने वाली एक कंपनी ने दावा किया था कि जैसे-जैसे आई फोन की बैटरी पुरानी होती जाती है इस मामले की जांच अक्टूबर 2018 से ही कर रहे हैं लेकिन अब एप्पल के खिलाफ जांच करने वाले राज्यों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और पिछले हफ्ते ही जारी हुए एक दस्तावेज सही है पता चला कि इस जांच में अमेरिका का एक और राज्य टेक्सास भी अब शामिल हो गया है
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खाना कि अपन पुरानी बैटरी वाले आईफोंस के शुरू हो जाने की बात स्वीकार कर चुका है और यह कंपनी इस मामले में माफी मांगने के बाद इसके लिए 3746 करोड रुपए का मुआवजा भी देने के लिए तैयार है यानी एप्पल ने इस गलती को मान लिया है और उसका मुआवजा देने को भी तैयार किया है कि जिन ग्राहकों के पास आईफोन से लेकर आईफोन 7 प्लस सीरीज तक के मोबाइल फोन थे आईफोन 6 और आईफोन 7 प्लस तक के जो मोबाइल और जो 31 दिसंबर 2017 से पहले पॉइंट टू पॉइंट पर चल रहे थे यह कंपनी इसके अलावा फ्रांस की सरकार भी इस मामले में एप्पल पर 157 करोड रुपए का जुर्माना लगा चुकी है तो यहां से तो सीखने वाली बात यह है कि जो बहुत सारे ऐसे देश है वहां की सरकार है अगर उनके ग्राहकों को ठगा जाता है कुछ कंपनियों द्वारा तो वहां की सरकारें तुरंत से रोकती हैं और वह इसे लेकर बहुत जागरुक है वहां के जो कानून है वह बहुत सख्त है जो कि हमारे देश में अभी नहीं होता एप्पल समेत अमेरिका की और भी कई बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां पहले से ही आलोचना का सामना कर रही है
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और हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस में हुई एक सुनवाई के दौरान अपन गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों पर कई गंभीर आरोप लगे और ज्यादातर मामलों में इन कंपनियों के सीईओ ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया ऐसे में अलग-अलग राज्यों द्वारा बल्कि इस धोखाधड़ी की जांच इस कंपनी की मुश्किलें और बढ़ा सकती है भाई पूरी होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों के बारे में जो कहा वह भी आज आपको जाना चाहिए कि जो बड़ी-बड़ी कंपनियां है जब भी आपके सामने आती हैं जब आप इनके विज्ञापन देखते हैं तो यह सर विश्वास की बात करती हैं ट्रस्ट की बात करती हैं कहते हैं कि हमारे ऊपर विश्वास कीजिए यह बताती है कि हमारे यहां जो पास है वह इतने अच्छे हैं कि किसी के साथ कोई धोखाधड़ी हो नहीं सकती यह कहते हैं इनकी कोई इनका डाटा लीक नहीं हो सकता लेकिन जब सुनवाई हुई सुनवाई के बाद जो आम राय बनी बड़ी-बड़ी कंपनियों की बाजार पर एकाधिकार है और यह एकाधिकार समाप्त होना ही चाहिए इसके लिए चाहे बड़ी कंपनियों को छोटी छोटी कंपनियों में ही छोड़ना पड़े और यह भी सुझाव दिया गया कि इन कंपनियों के कामकाज पर नजर रखने के लिए नए नियम बनाए जाने चाहिए और इन कंपनियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए
यदि हमारे देश की सरकार के लिए एक बहुत बड़ी सीट है क्योंकि इन देशों की जो सरकारें हैं यह अपने लोगों के जो राइट से उनके अधिकार है उनको लेकर बहुत जागरूक है और तुरंत कार्यवाही करती है फेसबुक जैसी कंपनियां है एप्पल गूगल जैसी कंपनियां जैसे देश में धड़ल्ले से व्यापार भी करती है और किसी की बात नहीं सुनती लेकिन उन देशों में जवाब जाएंगे तो वहां की सरकार ने तुरंत पकड़ लेती है उदाहरण दिया जब सुनवाई चल रही थी 1809 दो बड़े कारोबारी हुआ करते थे 2 बड़े बिजनेसमैन होते थे जिनके नाम थे एंड्रयू कार्नेज रॉकफेलर एंड्रयू कार्नेजी एक बहुत बड़ी तीन कंपनी थी और रॉकफेलर की एक बहुत बड़ी तेल कंपनी थी और तेल के कारोबार पर इन्हीं दोनों कंपनियों का एकाधिकार था एकाधिकार को 9890 में अमेरिका में एंटी ड्रग एक्ट बनाया गया जिसका मकसद इस मुरलिया ने एकाधिकार को समाप्त करना था लेकिन आज 130 वर्षों के बाद भी कई बड़ी कंपनियों ने फिर से दुनिया भर के बाजारों पर एकछत्र राज स्थापित कर लिया है और वह कंपनी आ गई है जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं और इसी व्यवस्था को बदलने के लिए अमेरिका में आजकल 130 वर्ष पुराने कानून की फिर से व्याख्या की जा रही है कहा जा रहा है कि इसमें और बदलाव किए जाने चाहिए ताकि इस तरह की कंपनियों को रोक सके क्योंकि यह कंपनियां अब बेकाबू हो रही हैं
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करीब 100 करोड़ लोग एप्पल कंपनी द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं सौ करोड़ के प्रोडक्ट और सेवाएं इस्तेमाल करने वालों की संख्या करोड़ों में गूगल के रिप्रोडक्शन सेवा इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या लगभग 500 करोड़ है और फेसबुक के यूजर्स की संख्या 260 करोड़ है दुनिया की लगभग पूरी की पूरी आबादी इन कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू इस समय 5 ट्रिलियन डॉलर चने 375 लाख करोड़ रुपए यह वह घर है जिसका सपना भारत देखता है कि हमारी अर्थव्यवस्था इस जमाने में इतनी हो जाए यह संख्या भारत की कुल अर्थव्यवस्था से भी दोगुनी है और अगर ये चार कंपनियां मिलकर अपना एक देश बना लें तो अर्थव्यवस्था के मामले में यह देश अमेरिका चीन और जापान के बाद चौथे नंबर पर होगा पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था के हिसाब से बहुत गंभीर है और इनके द्वारा किया जाने वाला व्यवहार आपके जीवन पर सीधा असर डालता है इसलिए हम जल्द ही इन तमाम कंपनियों पर लगे आरोपों का एक और विशेषण करेंगे इस पर हम एक सीरीज करेंगे
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